हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट केअनुसार, बड़गाम, कश्मीर / अंजुमने शरई शियाने जम्मू कश्मीर शरीयाताबाद यूसूफी आबाद बडगाम के तत्वाधान आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनेई की सेहल व सलामती और इस्लामी गणराज्य ईरान की सफलता और सरबुलंदी के लिए एक पुर सोज़ दुआ का प्रोग्राम आयोजित हुआ। जिसमे हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन आग़ा सय्यद मुहम्द हादी अल मूसवी अल सफ़वी के निर्देश पर और मौलाना सय्यद मोहसिन रज़वी की अध्यक्षता मे अंजाम पाई।
प्रोग्राम की शुरूआत दुआ ए तवस्सुल और ज़ियारत ए आशूरा की तिलावत से हुई, जिसके बाद मोमेनीन ने सामूहिक रूप से अल्लाह की बारगाह मे इस्लामी क्रांति के नेता की सलामती और दुनिया भर के मज़लूमो की मदद के लिए दुआए की। प्रोग्राम का समापन पर मरसिया खानी भी हुई जिसने रूहानी माहौल को अधिक मानवीयत दी।
इस अवरसर पर आग़ा सय्यद मोहसिन रज़वी ने अपने संबोधन मे काह, सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्याद अली ख़ामेनेई (दामा जिल्लोह आली) वर्तमान समय दुनिया भर के कमज़ोर, मज़लूम, बे सहारा और बेनवा इंसानो के सच्चे ध्वजधारक और सच्चे शरण स्थल है। वह केवल ईरान ही नही बल्कि पूरी मानवता का मार्गदर्शक का कर्तव्य निभा रहे है। हमे चाहिए कि इस महान हस्ती का सम्मान करे और उनके संदेश और निर्देश पर अमल करें।
उन्होने आगे कहा कि आज भी समय है कि मुस्लिम उम्मत जागरूक हो, नफ़रत और जाति मफ़ाद को छोड़ कर एक हो जाए, और एकजुट होकर मौजूद दौर की मानवता की दुश्मन ताकतो को नष्ट और भस्म करने के लिए आवाज़ उठाए। एकता, भाईचारा और विलायत की छत्रछाया मे ही निजात का मार्ग है।
दुआ के प्रोग्राम मे धर्मगुरू, जाकेरीन, मोमेनीन और नौजवानो की बड़ी सख्या ने भाग लिया, जिन्होने सुप्रीम लीडर की सेवा मे अपने हृदय प्रेम और समर्थन व्यक्त करते हुए व्यवहारिक क्षेत्र दृढ़ता का अहद किया।
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